Wednesday, 18 January 2017

sphatik mala japa / स्फटिक माला जाप

श्री सम्पूर्ण महालक्ष्मी महायन्त्रम् का जाप स्फटिक माला से सर्वोतम है। स्फटिक माला शक्ति का प्रतीक है। लक्ष्मी, सरस्वती, दुर्गा जाप के लिए यह माला उतम है तथा गायत्री मंत्र के लिए भी सर्वोतम है। इसके जप करने से आर्थिक स्थिति में सुधार आता है, और क्रोध शान्त होता है। देवी जाप के लिए स्फटिक माला से मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाता है। उच्च रक्तचाप के रोगियों को व क्रोध शान्ति के लिए यह माला अचूक है। इसे फिटकरी भी कहा जाता है। सामान्यत: यह काँच जैसा प्रतीत होता है, परंतु यह काँच की अपेक्षा अधिक दीर्घजीवी होता है। कटाई में काँच के मुकाबले इसमें कोण अधिक उभरे होते हैं। इसकी प्रवृत्ति ठंडी होती है। अत: ज्वर, पित्त-विकार, निर्बलता तथा रक्त विकार जैसी व्याधियों में वैद्यजन इसकी भस्मी का प्रयोग करते हैं। स्फटिक को नग के बजाय माला के रूप में पहना जाता है। स्फटिक माला को भगवती लक्ष्मी का रूप माना जाता है। 
 
विशेषताएँ :-
स्फटिक की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह माला पहनने वाले किसी भी पुरुष या स्त्री को एकदम स्वस्थ रखता है। पंडित एन. एम. श्रीमाली जी के अनुसार इसे धारण करने से भूत-प्रेत आदि की बाधा से मुक्त हो जाते है। कई प्रकार के आकार और प्रकारों में स्फटिक मिलता है। इसके मणकों की माला फैशन और हीलिंग पावर्स दोनों के लिहाज से लोकप्रिय है। इसे पहनने मात्र से ही शरीर में इलैक्ट्रोकैमिकल संतुलन उभरता है और तनाव-दबाव से मुक्त होकर शांति मिलने लगती है। स्फटिक की माला के मणकों से रोजाना सुबह लक्ष्मी देवी का मंत्र जप करने से आर्थिक तंगी का नाश होता है। स्फटिक के शिवलिंग की पूजा-अर्चना से धन-दौलत, खुशहाली और बीमारी आदि से राहत मिलती है तथा सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती हैं।


लाभ :-
  • स्फटिक की माला शान्ति कर्म और ज्ञान प्राप्ति के लिए पहननी चाहिए। 
  • स्फटिक माला पर सरस्वती मंत्र का जप करने से सिद्धि शीघ्र प्राप्त होती है तथा मां सरस्वती की कृपा से विद्या-बुद्धि बढ़ती है। इस माला पर शुक्र ग्रह के मंत्र का जप भी कर सकते हैं।
  • श्री सम्पूर्ण महालक्ष्मी महायन्त्रम् का जाप स्फटिक माला से सर्वोतम है। 
  • देवी जाप के लिए स्फटिक माला से मंत्र शीघ्र सिद्ध हो जाता है। उच्च रक्तचाप के रोगियों को व क्रोध शान्ति के लिए यह माला लाभकारी है।
  • मन इधर-उधर भटकने की स्थिति में, तथा सुख-शांति के लिए स्फटिक माला पहननी चाहिए।


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